क्या आप जानते हैं ?

क्या आप जानते हैं ? स्मृतियां …  1. मनु, 2. विष्णु, 3. अत्री, 4. हारीत, 5. याज्ञवल्क्य, 6. उशना, 7. अंगीरा, 8. यम, 9. आपस्तम्ब, 10. सर्वत, 11. कात्यायन, 12. ब्रहस्पति, 13. पराशर, 14. व्यास, 15. शांख्य, 16. लिखित, 17. दक्ष, 18. शातातप, 19. वशिष्ठ दो पक्ष …  1. कृष्ण पक्ष, 2. शुक्ल पक्ष तीन ऋण …  1. देवऋण, 2. पितृऋण, 3. ऋषिऋण चार युग …  1. सतयुग 2. त्रेतायुग 3. द्वापरयुग 4. कलियुग चार धाम …  1. द्वारिका, 2. बद्रीनाथ, 3. जगन्नाथपूरी, 4. रामेश्वरम धाम चार पीठ …  1. शारदा पीठ (द्वारिका), 2. ज्योतिष पीठ (जोशीमठ बद्रीधाम), 3. गोबर्धन पीठ (जगन्नाथपुरी), 4. श्रृंगेरीपीठ चार वेद…

श्री गणपति जी की कहानी

श्री गणपति जी की कहानी श्री गणेशाय नमः एक समय की बात है एक अंधी बुढ़िया माई थी। उसका एक लड़का ओर बहु थी, वे बहुत ही गरीब थे। वह अंधी बुढ़िया प्रतिदिन बहुत ही प्यार से गणेश भगवान् की पूजा-अर्चना किया करती थी। एक बार श्री गणेश जी उसके सन्मुख आकर प्रकट हुए और उस…

द्वादश ज्योतिर्लिंग

द्वादश ज्योतिर्लिंग । सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले महिकार्जुनम । ।। उज्जयिन्यां महाकाल मोंकारममलेश्वरम ।। । परल्यां बेजनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम ।  ।। सेतुबन्धे तू रामेशं नागेश दारुकावने ।। । वाराणस्या तु विश्वेश त्र्यंम्बक गौतमीतटे ।  ।। हिमालये तु केदारं घृसृणेशं शिवालये ।। । एतानि ज्योतिर्लिगानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।  ।। सप्तजन्मकृतं पायं स्मरणेन विनश्यति ।। ।। इतिद्वादश ज्योतिर्लिंग सम्पूर्णम ।। ।। जय भोले नाथ ।। द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम 1. श्री सोमनाथ…

चिंतपूर्णी माता की प्रातः काल की आरती

चिंतपूर्णी माता की प्रातः काल की आरती ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। मैया जय मंगल करणी, मैया जय आनंद करणी। तुम को निश दिन ध्यावत, हरि ब्रहमा शिवजी। ॐ जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।  मांग सिन्दुर विराजत टीको मृगमद को, मैया टीको मृगमद को। उज्जवल से दोऊ नैना चन्द वदन निको ॐ जय अम्बे…

क्यों किया जाता है “स्वाहा” शब्द का उच्चारण ?

क्यों किया जाता है “स्वाहा” शब्द का उच्चारण ? सतयुग काल से ही हिन्दू धर्म में हमारे ऋषि-मुनियों तथा वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सबसे ज्यादा पूजा-पाठ तथा यज्ञ किये जाते रहे हैं। गौर करने की बात तो यह है की क्या आप जानते हैं की हवन के दौरान हमेशा ही “स्वाहा” शब्द का उच्चारण करने के…

चिंतपूर्णी माता की सायंकाल की आरती

चिंतपूर्णी माता की सायंकाल की आरती जग जननी जय जय माँ, जग जननी जय जय। भय हारिणि भव तारिणी भव भामिणी जय जय। । जग जननी जय जय माँ, जग जननी जय जय । । तू ही सतचित सुखमय, शुद्ध ब्र्ह्म रूपा माँ। सत्य सनातन सुंदर, पर-शिवं-सुर-भूपा माँ । । जग जननी जय जय माँ, जग…

प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री नैना देवी मंदिर

नैना देवी माता का प्राचीन एवं ऐतिहासिक मन्दिर प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर पौराणिक देवी सती के नैन गिरे थे। माँ नैना देवी का पिण्डी के रूप में पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस स्थान पर नैना देवी माता ने महिषासुर का…

प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री चिंतपूर्णी देवी माता मंदिर

चिंतपूर्णी देवी माता का प्राचीन एवं ऐतिहासिक मन्दिर प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री चिंतपूर्णी देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। माता का यह मन्दिर चिंतपूर्णी गांव के ऊना जिला हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इस स्थान पर पौराणिक देवी सती के अंग गिरे थे। यह पवित्र स्थान भी देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक…

प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम

श्री चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम इतिहास एवं परिचय श्री चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम इतिहास एवं परिचय यस्माचण्ड च मुण्ड च गृहीत्वा त्वमुपागता। चामुण्डेति ततो लोके ख्याता देवी भविष्यसि।। भारत वर्ष के उत्तराखंड राज्य में जालन्धर पीठ के अन्तर्गत माता श्री चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम प्राचीन काल से भगवान शिव सकती का अदभुत स्थान है। यह स्थान जालन्धर पीठ…

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कैसे करें सूर्य देव को जल अर्पण

कैसे करें सूर्य देव को जल अर्पण ? सूर्य देव को जल अर्पण करने के क्या हैं लाभ 1. सुबह-सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करते समय पानी में से सूर्य देव को देखें जिससे मिलती है आँखों को ठंडक और बढ़ती है आँखों की रौशनी। 2. सुबह-सुबह सूर्य उदय पर सूर्य देव को जल…