तुलसी माता के बारे में कुछ बातें.......
तुलसी माता को पवित्र हिंदू धर्म में देवी माता का रूप माना गया है तथा इसकी पूजा की जाती है। पवित्र ग्रंथो के मुताबिक तुलसी का हर घर में होना जरुरी होता है। जिस घर के सामने तुलसी का पौधा होता है उस घर में कभी अकाल मृत्यु और शोक नहीं होता है। तुलसी माता की प्रतिदिन पूजा करने से और दर्शन करने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते है तथा मुक्ति मिलती है। शाश्त्रोनुसार भगवान विष्णु जी की पूजा करने के लिए तुलसी माता का सबसे अधिक प्रयोग होता है। तुलसी माता जी की पूजा करते समय निम्न लिखित मंत्रों का प्रयोग कर मनुष्य अधिक से अधिक फल प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी माता की पूजा के कुछ विशेष मंत्र ---------
तुलसी माता जी को जल अर्पित करते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए:-
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
इस मंत्र को बोलते समय तुलसी माता का ध्यान करना चाहिए :-
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी माता जी के पत्ते तोड़ते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए :-
ॐ सुभद्राय नमः
ॐ सुप्रभाय नमः
– मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
तुलसी माता जी की पूजा अर्चना करते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए :-
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
धन–की प्राप्ति, सुख व शांति, समृद्धि की प्राप्ति (सत्ता की प्राप्ति होना) के लिए तुलसी नामाष्टक मंत्र को बोलना चाहिए :-
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।