साईंबाबा जी के 108 नाम
- साईंनाथ
- लक्ष्मी नारायण
- शेषशायिने
- भक्तह्रदालय
- सर्वह्रन्निलय
- भूतावासा
- कालातीताय
- काल
- कालकाल
- कालदर्पदमन
- मृत्युंजय
- अमत्य्र
- मर्त्याभयप्रद
- जिवाधारा
- सर्वाधारा
- भक्तावनसमर्थ
- योगक्षेमवहाय
- मार्गबन्धवे
- परमेश्वर
- परब्रह्म
- परमात्मा
- प्रिय
- प्रीतिवर्द्धनाय
- अन्तर्यामी
- सच्चिदात्मने
- नित्यानन्द
- परमसुखदाय
- ज्ञानस्वरूपी
- जगतपिता
- प्रेमप्रदाय
- कर्मध्वंसिने
- पावनानघाय
- अमृतांशवे
- भास्करप्रभाय
- सिद्धेश्वराय
- सिद्धसंकल्पाय
- योगेश्वराय
- भगवते
- भक्तवत्सलाय
- सत्पुरुषाय
- पुरुषोत्तमाय
- दक्षिणामूर्तये
- प्रपन्नार्तिहराय
- संसारसर्वदु
- सर्वान्तर्बहि
- सूक्ष्माय
- जयिने
- तीर्थाय
- वासुदेव
- सतां गतये
- सत्परायण
- अमितपराक्रमाय
- दुर्धर्षाक्षोभ्याय
- अपराजिताय
- त्रिलोकेषु अविघातगतये
- अशक्य-रहीताय
- सर्वशक्तिमूर्तये
- सुरूपसुन्दराय
- सुलोचनाय
- बहुरूप विश्वमूर्तये
- अरूपाव्यक्ताय
- अचिन्त्याय
- सर्वान्तर्यामिणे
- मनोवागतीताय
- प्रेममूर्तये
- सुलभदुर्लभाय
- असहायसहायाय
- अनाथनाथदीनबंधवे
- सर्वभारभृते
- अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे
- पुण्यश्रवणकीर्तनाय
- लोकनाथाय
- भक्तावनप्रतिज्ञाय
- अन्नवसत्रदाय
- आरोग्यक्षेमदाय
- धनमाङ्गल्यप्रदाय
- ऋद्धिसिद्धिदाय
- आपदबान्धवाय
- शुद्ध-सत्वस्थिताय
- गुनातीतगुणात्मने
- अनन्तकल्याण गुणाय
- पावनानघाय
- अमृतांशवे
- भास्करप्रभाय
- ब्रह्मचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय
- सत्यधर्मपरायणाय
- सिद्धेश्वराय
- सिद्धसंकल्पाय
- योगेश्वराय
- भगवते
- भक्तवत्सलाय
- सत्पुरुषाय
- पुरुषोत्तमाय
- सत्यतत्वबोधकाय
- कामादिशड्वैरिध्वंसिने
- अभेदानन्दानुभवरप्रदाय
- समसर्वमतसम्मताय
- दक्षिणामूर्तये
- वेंकटेशरमणाय
- अद्भूतानन्तचर्याय
- प्रपन्नार्तिहराय
- संसारसर्वदु
- सर्ववित्सर्वतोमुखाय
- सर्वान्तर्बहि
- सर्वमंगलकराय
- सर्वाभीष्टप्रदाय
- समरससन्मार्गस्थापनाय
- समर्थसद्गुरुसाईनाथा