भगवान चंद्रमा जी के 108 नाम
- श्रीमते
- शशधराय
- चन्द्राय
- ताराधीशाय
- निशाकराय
- सुधानिधये
- सदाराध्याय
- सत्पतये
- जितेन्द्रियाय
- जयोद्योगाय
- वीराय
- विश्वेशाय
- विदुषां पतये
- दोषाकराय
- दुष्टदूराय
- पुष्टिमते
- शिष्टपालकाय
- अनन्ताय
- स्वप्रकाशाय
- प्रकाशात्मने
- द्युचराय
- भुवनप्रतिपालकाय
- साधुपूजिताय
- भयान्तकृते
- भक्तिगम्याय
- भवबन्धविमोचकाय
- निस्सपत्नाय
- कलाधराय
- कालहेतवे
- कामकृते
- कामदायकाय
- मृत्युसंहारकाय
- अमर्त्याय
- नित्यानुष्ठानदाय
- क्षपाकराय
- क्षीणपापाय
- क्षयवृद्धिसमन्विताय
- जैवातृकाय
- शुचये
- शुभ्राय
- जयिने
- जयफलप्रदाय
- सुधामयाय
- सुरस्वामिने
- भक्तानामिष्टदायकाय
- भुक्तिदाय
- मुक्तिदाय
- भद्राय
- भक्तदारिद्र्यभञ्जनाय
- सामगानप्रियाय
- सर्वरक्षकाय
- सागरोद्भवाय
- देवभोजनाय
- निराहाराय
- निर्विकाराय
- निरामयाय
- भूच्छायाच्छादिताय
- भव्याय
- नित्यानन्दफलप्रदाय
- सकलार्तिहराय
- सौम्यजनकाय
- साधुवन्दिताय
- सर्वागमज्ञाय
- सर्वज्ञाय
- सनकादिमुनिस्तुताय
- सितच्छत्रध्वजोपेताय
- सिताङ्गाय
- सितभूषणाय
- श्वेतमाल्याम्बरधराय
- श्वेतगन्धानुलेपनाय
- दशाश्वरथसंरूढाय
- दण्डपाणये
- धनुर्धराय
- कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय
- नयनाब्जसमुद्भवाय
- आत्रेयगोत्रजाय
- अत्यन्तविनयाय
- प्रियदायकाय
- करुणारससम्पूर्णाय
- कर्कटप्रभवे
- अव्ययाय
- कष्टदारुकुठारकाय
- ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय
- चतुरश्रासनारूढाय
- चतुराय
- दिव्यवाहनाय
- अष्टमूर्तिप्रियाय
- विकर्तनानुजाय
-
जगत्प्रकाशकिरणाय
-
जगदानन्दकारणाय
- विवस्वन्मण्डलाज्ञेयवासाय
- वसुसमृद्धिदाय
- महेश्वरप्रियाय
- दान्ताय
- मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय
- ग्रहमण्डलमध्यस्थाय
- ग्रसितार्काय
- ग्रहाधिपाय
- द्विजराजाय
- द्युतिलकाय
- द्विभुजाय
- द्विजपूजिताय
- औदुम्बरनगावासाय
- उदाराय
- रोहिणीपतये
- नित्योदयाय
- मुनिस्तुत्याय
- चन्द्रमसे