आरती युगलकिशोर जी की

भगवान कृष्ण की आरती आरती युगलकिशोर की कीजै,राधेतन मन धन न्यौछावर कीजै।। आरती युगलकिशोर की कीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरो मन लोभा।। आरती युगलकिशोर की कीजै,राधेतन मन  धन न्यौछावर कीजै। गौरश्याम मुख निरखन लीजै, हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै।।  आरती युगलकिशोर की कीजै,राधेतन मन धन न्यौछावर कीजै। ओढ़े नील पीत…