सत्यनारायण व्रत कथा (तृतीय अध्याय)
सत्यनारायण व्रत कथा (तृतीय अध्याय) तृतीय अध्याय श्री सूत जी ने कहा- हे ऋषि श्रेष्ठ मुनियों! अब आगे की एक कथा कहता हूं। पूर्व काल मेंउल्कामुख नाम का एक महान बुद्धिमान राजा था। वह सत्यवक्ता और जितेंद्रिय था। प्रतिदिन देवस्थानों पर जाता तथा गरीबों को धन देख कर देकर उनके कष्ट दूर करता था। उसकी पत्नी…